यद्यपि-भगवान भोले शंक को बिल्व पत्र, ना nächsten " देवताओं को सदैव अनामिका उगंली से तिलक लगानि एक दीपक से दूसरा दीपक या धूप-कपूर कभी न प्रज्जिल ेजिल भगवान के समक्ष त्रिकोण घेरा बनाकर जल रखे, भोग या नैवेद्य चोकोर घेरे में रखे, पूजन में यदि कोई सामग्री की कमी है तो उसके स्थान पर अक्षत व पुष्प रखे, सदैव जयकार या प्रणाम सभी देवी देवताओं को तीन, पांच या सात बार करे। " "
इस तरह के कई नियमों का ज्ञान व पालन सभी को ज्ञात नहीं होता उसी कारण हमे हमारी साधना का तप का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता-जीवन की इसी अपूर्णता पूर्णता के लिये गुरू हमे निरन्तर मार्ग प्रशस्त करते है, जिस प्रकार उचित साधना का फल प्राप्त होता है तो ूप ूप से गये विध विधान का पाप भी भोगना है-
साधक द्वार मंत्र जप-पूजा किसी या दबाव में आक नहीं अपितु मनोक मनोकामनाओं, इच्छाओं की पूपू्ति के लिये किया जाना चाहिये। एक गुरू का यह दायित्व होता है कि साधको की सभी मनोकामनाओं की पूर्णता के लिये पथ प्रदर्शक व सारथी रहे- आप सभी की इन्हीं आशाओं के साथ आप सभी 30-31 दिसम्बर व 01 जनवरी 2023 को शिवत्व गौरी महामाया नववर्ष धनदा शिविर में सम्मिलित होकर अपने जीवन को गुरूमय बनाये।
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Vineet Shrimali
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,