" " इन वस्तुओं से आपको सुविधा मिलेगी, थोड़ी आसानी हो जायेगी। कभी-कभी सुविधा के बजाय दुविधा हो जाती है। " यह संसार सुख देनेवाला बन जायेगा। " " मन दुःखी हो जाता है। " कोई कहे कि यह संगीत सुनो कितना अच्छा है, तो आनन आनन्द नहीं आयेगा। क्योंकि आपके अन्दर दुःख है, पीड़ा है। सामने कोई अच्छा भोजन, स्वादिष्ट भोजन रखे, आप खाएंगे, जिस खाने का जो स्वाद है वह तो आ रहा होगा, लेकिन फिर भी फीका लगेगा, क्योंकि अन्दर कोई पीड़ा है, दुःख है, क्लेश है।
" रेत के टीलों पर ही कविता और गीत याद आने लगेंगे। " हम जितना बाह से, समाज से पiment
" " व्यक्ति बाहर की कमजोरियों से इतना नहीं टूटता हैं . " विशेष बात यह है कि हर व्यक्ति प्यार का भूखा है। " परेशानी कोई भी नहीं चाहता। दुनिया में उलझना कोई भी नहीं चाहता। हर आदमी यह चाहता है कि कोई तो ऐसा हो जो उसे समझे। दुःख इस बात का है इन इन्सान को वाले लोग नहीं मिल पाते। बब तक साथ हने वाले पति-पत्नी एक-दूस को को समझ समझ पाते। नासमझी के कारण रिश्तेदार एक-दूसरे को नहीं समझ पाा कितना दुःख होता है।
थोड़ी सी अनुकूलता मिल जाये फिर देखिये। आप एक इसी उदाहरण से समझिये। " " वह आराम से चलती जायेगी क्योंकि वह बोझ, बोझ है ही ऀ उसे तो यह अनुभव होगा कि यह भी उसके शरीर का अंग है॥ वहां प्रेम है, वात्सल्य है, इसलिये बोझ नहीं लगताथ कभी-कभी आप देखते है कि विपरित स्थिति में आपसे दो घंटे वह काम कराया जाये जो आपको पसन्द नहीं है तो आप दो घंटे में ही थक जायेंगे, परन्तु यदि आपको वह काम पसन्द आ जाये तो वही काम आप आठ घंटे, दस घंटे करते रहेंगे फिर भी नहीं थकते। जबकि वह काम उससे भारी है। " व्यक्ति बाहर की स्थिति का सामना कर लेगा। "
" " विदुर जी कहते हैं- सत्यम् दानम्। व्यक्ति को सत्यता अपनानी चाहिये। व्यक्ति को बनावटी जीवन से बचना चाहिये। आपकी जिन्दगी जितनी बनावटी होगी, कृत्िम होगी, दिखावटी होगी, उतने ही आप अशांत हेंगे।। जितने सरल-सीधे-सच्चे बनकर चलोगे उतनी ही शांति हो हो झूठा व्यक्ति विश्वास को तो ही ही देता है, अपने मनोबल को, मन शक शक्ति को भी कमजो क लेता है।।।। शक शक शकsprechend झूठ आपकी मन. बा nächsten
सत्य याद नहीं रखना पड़ता। सोते हुये व्यक्ति को अग अग आप आप जगाक पूछे तो ही ही बोलेगा। झूठ के लिये सोचना पड़ता है। झूठ पकड़ने की जो मशीनें बनाई गई वे व व्यक्ति के की धड़कन धड़कन गति गति बताती है। झूठ बोलते समय हृदय की धड़कन बढ़ जाती है। झूठ बोलते समय आदमी थोड़ा घबराता है। " यह निशान हृदय की धड़कन बताता है। झूठ बोलते. सत्य के समय हृदय शांत रहता है।
" " जो. " सरलता से अपनाइये। " " जितने. पद से नीचे उतर जाये तो फिर उसकी कोई कीमत नहीं रहेत " धन छीना गया कहानी खत्म हो गई। " " यहां कुछ मिलेगा, कुछ छूटेगा। कुछ भी यहां स्थायी रहने वाला नहीं है। " " " " कोई और है जो संसार को संभाले बैठा है।
" " वास्तव में तो दौलत अपने अन्दर, महल भी अपने अन् व्यक्ति बाहर से राजा नहीं बनता, अन्दर से बनता हैे " "
liebe deine Mutter
Shobha Shrimali