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बेला बोस के जन्म चक्र में अन्य ग्रहों के अतिरिक्त चन्द्रमा की विशिष्ट स्थिति को रेखांकित कर ही इस प्रकार की साधनाये सद्गुरूदेव ने उसे प्रदान की, जिनमें व्यक्ति संवेदनाओं से परिपूर्ण तो हो, परन्तु उन्हें मर्यादित करने की भी क्षमता प्राप्त हो। " " वेदों में कहा गया है- चंद्मा मनसो जातः- साधनाओं की दृष्टि से तो चंद चंद्मा ने स्वयं इतनी दिव्यता प्राप्त क ली है कि आवृत आवृत का मूल कहा गया है।।।। कि आवृत आवृत क मूला गया है।।।। है है कि आवृत मूला गया है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। कि आवृत का मूला गया है है। है इसे आवृत मूला कहा है है।
इसका दूसरा नाम ही सुधाकर है। श? " "
Vorteile von Chandra Sadhana-
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सौन्दर्य, कला, साहित्य का कारक ग्रह चंद्रमा ही ही "
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नाी की कमनीयता अथवा सुघड़ता अथवा ममता औातृत्व भाव चंद्मा की ही देन है।।।।।। चंदाव चंद्मा की देन है है।।। भाव चंद्मा की देन है है।।। भाव " सौनure "
सूसू्य या अन्य कiment
पाद विज्ञान अथवा (स्व्ण निनि्माण) के क्षेत्र में सफलता बिना चंद्मा की कृपा के ही ही नहीं है है।।।।।।।। चंद्मा की कृपा के ही नहीं है।।। चंद चंद Entwickle
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हमाी सृष्टि मैथुनी सृष्टि कहलाती है, जिसका आधार पति-पत्नी, भोग-आनन्द युक्त जीवन की अनुकूलता है।। यह अनुकूलता उच्चतम सोपान की स्थिति तक चंद्मा की अनुकूलता से ही पहुँच पाती है। "
Urvashi Manokamna Siddhi Sadhna
" इसके अन्तत्गत सप्त प्कार की मनोकामनायें उउ्वशी स्वव में पूपू्ण होने ओ स साधक अग्सस होता है है।।। की ओ साधक
" साधना सामग्ी-
1- ग्हण आलोक्त मनोकामना यंत्र, 2- ग्हण सिद्धिप्द मनोकामना उउ्वशी चित्र, 3- ग्हण अभिषेकयुक्त मनोकामना सिद्धि माला, 4- सिद्धिद)
" मनोकामना सिद्धि माला से निम्न मंत्र की मात्र 11 माला मंत्र जप करें-
Mantra
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मानव मन का संचालक चंद्र है, समस्त संवेदनाओं का आधार भी चंद्मा ही है।।।। ।ार " "