गीता भगवान की श्वास और भक्तों का विश्वास है। " देश-विदेश के सैकड़ों दार्शनिकों, गुगु औ औ ने गीता की व्याख्या की है।। इस पर टीकायें लिखी है, गीता ज्ञान का अद्भुत भंर ााि हम सभी हमाे हह का nächsten " " जीवन उत्थान के लिये गीता का स्वाध्याय हह व्यक्ति को कका चाहिये।
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को श्रीकृष्ण, व्यास मुनि तथा गीता की पूजा की जाती है। गीता का पाठ किया जाता है। " "
वेद व्यास जी ने महाभात में गीता के माहात्म को बताते हुये कहा है- कि- कि- कि- कि- कि-
अर्थात् गीता सुगीता करने योग्य है। " गीता स्वयं विष्णु भगवान के मुखारबिंद से निकली ई ह ह "
गीता उपनिषदों की भी उपनिषद है। " गीता के स्वाध्याय से श्ेय औऔ प्ेय दोनों की प्राप्ति हो जाती है।।।।। प पsprechung भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट कहा है-
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मार्गशीगशी्ष शुक्ल एकादशी (अगहन ग्यास) का पूजा विधान अन्य एकादशियों की भांति ही है।।।।।। अनान अन्य एकादशियों " " " पौपौाणिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्त बहुत शुभ माना जाता है। "
" उनकी प्रजा भी खुशहाल थी। " " इस पर पत्नी ने राजा को गुरु आश्रम जाकर सलाह लेको को
अगले दिन राजा आश्रम गये तब वे गुरु तपस्या में ल ीीन राजा उनके समीप बैठकर प्रतीक्षा करने लगे। " " उन्होंने तुम्हाी माता को rieben "
यह सुन राजा ने पर्वत मुनि से इस समस्या का हल पूछााका इस पर मुनि ने उन्हें मोक्षदा साधना करने का विध ाय " " "
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साधना विधान- ब्रह्माण्ड स्वरूप श्रीकृष्ण चेतन्य चित्र, मोक्षदा माला, सर्व सुखदा श्रीफल का पूजन करते हुये कुंकुम, अबीर, अष्टगंध, अक्षत, तुलसी व मंजरी अर्पित करें। संकल्प के साथ तीन माला संध्या बेला में सम्पन्न कनन
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