हम सबका जीवन कहानियों सरीखा होता है। हर कहानियों में फीके और गाढ़े रंग हैं। "
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" " " 12-13 पिता से अनबन ज्यादा रहने लागी, तो वह खाली हाथ शहय य र
एक फैक्ट्री में सहायक मैकेनिक की नौकरी मिल गयी। पैसे बहुत मामूली थे। " सारे पैसे मशीनों के लिये सामान खरीदने में खर्र दक वैसे उसको उस जमाने में बहुत कम पैसे मिलते थे। पत्नी भी उसके इस रंग-ढंग से परेशान हो गई। " कोई उससे बात करना पसंद नहीं करता था। कोई कुछ भी समझता रहे, पर उसे कोई फर्क नहीं पड़तााी " " " सभी को लगता था कि उसके दिमाग का स्क्रू ढीला है। कई साल वे यूं ही तिरस्कार में जीते रहे। " वह अपनी ही धुन में मस्त रहता था।
" " पर हालात उल्टे ही थे, लेकिन कोई उन्हें डिगा नहऀा यय आर्थिक तंगहाली भी नहीं। " " " उन्होंने दुनिया की सबसे सस्ती कारें बनाई। हर कोई इसे खरीद सकता था। बाद में उन्होंने दुनिया भभ के उद्योगों को क का मंत्र भी दिया। जब उनकी मृत्यु हुई तो उस समय तक वे दुनिया के सबसे शोह औ औ धनी शख्स थे। .
" अगर पत्थर पर लगातार रस्सी की रगड़ से निशान उभत आ ूे ूिशान oder? जहां सभी के लिये पर्याप्त अवसर और पर्याप्त रास्ते हैं, अक्सर हम बाधाओं से तब टकराते रहते हैं, जब सही रास्ते की तलाश कर रहे होते हैं और सही रास्ता मिलने पर सफलता की ओर हमारे पैर खुद ही बढ़ने लगते हैं, लेकिन अक्सर इस तलाश में "
असंभव कुछ नहीं जब तक आप जिंदा हैं तब तक सब संभव हैं-असंभव कुछ नहीं।।। " एक सूत्र हमेशा याद रखिये-
Halten Sie die Erwartungen fernअपनी अपेक्षाओं को कम करिये। " उन्हें वह उतनी ही जल्दी गंवा भी देते हैं। " "
" " " " " आप सबसे झूठ बोल सकते हैं, लेकिन अपने आप से नहीं। अतः अपने से ही पूछिये कि क्या आप वाकई खुद से संतु? अगर आप सौ फीसदी हैं और वांछित परिणाम नहीं पा रहे नहीं तो भी हताश होने की जरूरत नहीं है।
" मेहनत लगती है। अक्सर जीवन में हम भंवर में फंस जाते हैं। " " "
" सेना में गये, तो एक खेल चुनना था, उन्होंने हॉकी चु फिर दिन-रात एक करके हॉकी का अभ्यास किया। " चांदनी रात की रोशनी में अभ्यास कर रहे होते थे। उनके मन में यही यही विचार था कि ये खेल है, जो उन्हें आगे ले जा सकता है। दृढ़ इच्छाशक्ति ने संकल्पऔर समर्पण बढ़ाया। " " से निकालकर अलग खड़ा कर दिया। " "
" । ये भूल जाइये कि कौन क्या सोचेगा और क्या कहेगा।
Shobha Shrimali
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