आजकल दमा (ब्रांकियल अस्थमा) की शिकायत हर उम्र क व्यक्तियों में बढ़ रही है, इसका एक कारण दिनों दिन बढ़ता हुआ प्रदूषण है, अक्सर ऐसा देखने में आत ा है कि बड़े शहरों के धूल, पेट्रोल और औद्योगिक प ्रदूषण से युक्त वातावरण से निकलकर जब कोई दमा का शिकार व्यक्ति स्वच्छ और खुले वातावरण में कुछ दिन रहता है तो उसकी श्वास संबंधी तकलीफें स्वतः ठीक हो जाती हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि दमा उत्पादक कारकों में प्रदूषण प्रमुख है, यही कारण है कि प्रदूषण बढ़ने के साथ ही दमा जैसी श्वास संबंधी बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं।
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Allergien- दमा का प्रमुख कारण है, एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थ (एलरजेन्स) कई तरह के हो सकते हैं, किसी रोगी को कोई विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी होती है तो किसी को वातावरण में मौजूद धूल के कारण दमा उभरता है, इनके अतिरिक्त कुत्ता, बिल्ली .
Infektionen und Wurmerkrankungen- जीवाणु या विषाणुओं के संक्रमण से श्वास नलिकाओं में सूजन आ जाती है जिससे वे संकीर्ण हो जाती हैं, इस कारण दमा की शिकायत बन सकती है, उदाहरणार्थ-पुराना श्वास नलिका (क्रोनिक ब्रांकाइटिस) में दमा की शिकायत भी हो सकती है, इसी तरह आंतों "
erbliche Eigenschaften दमा से ग्रसित मां-बाप के बच्चों में सामान्य लो गों की अपेक्षा रोग से पीडि़त होने की संभावना ज् यादा होती है, पिता की बजाय माँ यदि दमा से पीडि़त है तो बच्चों में दमा होने की संभावना अधिक होती ह ै।
Harte Arbeit- "
psychologische Gründe " "
Asthmasymptome
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Diagnose " " , ोग के सही निदान के कुशल चिकित चिकित्सक से जांच कानी चाहिये।
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दमें के रोगी धूम्रपान, मदिरापान आदि से परहेज रखे
ऐसे ोगी अधिक ठंडे पेय पदा nächsten
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शहद से शरीर को आवश्यक गर्मी मिलती है। शहद श्वास की नली में बलगम को खत्म कर देता है। " "
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तुलसी के कुछ पत्ते, शहद और काली मिर्च में भिगोकख " इससे दमा का दौरा पड़ने की आशंका बेहद कम हो जाती हह
नीम को शहद मिल मिलाक ोज सुबह ख ख पेट लेने से भी कि कि शिकायत दू होती है।।
दमें.
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