यज्ञोपवीत जिसे जनेऊ भी कहते हैं बहुत ही पवित्र माना जाता है।। ऐसा कहा जाता है कि पहली जनेऊ के नि निनि्माणकताता प्जापति हैं।।।। हह जनेऊ तीन सूत सूतure ये तीन सूत्र बहुत सी वस्तुओं के प्रतीक माने जा तै-ै-ै
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प्राचीन काल में उपनयन संसsprechung लेकिन. " इस संस्कार से पहले गणपति गणपति ससस्वती, लक्ष्मी, धृति, पुष्टि आदि का आह्नान औऔ स्तुति होती है।।।। का आह्नान " " " " इस दौरान बालक ब्राह्मण की वेशभूषा धारण किये रह त "
क्योंकि गायत्री मंत्र बुद्धि की प्रेरणा का मंत ॹ " इस उपदेश के पश्चात् बालक ब्रह्मचारी कहलाता है। "
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" " इनका पालन करना जातक का परम कर्त्तव्य होना चाहिथय " उपनयन संस्कार का उद्देश्य बालक को अनुशासन सीखाना औऔ आध्यात्मिक जीवन ओ ओ अग्सस ककका भी होता है।।
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