मखाना, कमल के बीज को कहा जाता है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसे कई नामों से जाना जाता है, जैसे फॉक्स नट, फूल- मखाना, लोटस सीड और गोर्गन नट। वहीं प्रकार की खाद्य सामग्री में किया जाता है। इसके अलावा, यह कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपू र होता है, जो सेहत के लिये फायदेमंद होते हैं।
मखाना में कई प्रकार के औषधीय गुण पाये जाते हैं, जो स्वास्थ के लिये फायदेमंद हो सकते हैं। मखाने में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी ट्यूमर प्रभाव पाये जाते हैं। इसके अलावा, इसका सेवन बुखार, पाचन तंत्र सुधारन े में और दस्त के लिये भी किया जा सकता है। इसके अलावा, यह कई खास एल्कलॉइड से भी समृद्ध होत ा है। आयुर्वेद में मखाना सेहत के लिये कमाल का फूड बत ाया गया है। मखाना एक शानदार कैल्शियम फूड है, जिसमें कैलोर ी बहुत कम होती है। मखाना खाने से फैट के बिना प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस भी मिलता है। इसे खाकर महिलाये हड्डियों को कमजोर होने से बच ा सकती हैं। ये सभी गुण और प्रभाव मखाने को स्वास्थ्य के लिय े उपयोगी बनाने का काम करते हैं।
वजन घटाने में मखाने का उपयोग मोटापे की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। कमल के बीज (मखाना) का एथेनॉल अर्क शरीर में फैट स ेल्स को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है । साथ ही यह फैट सेल्स के वजन को भी कम कर सकता है। इसलिये जा सकता है।
" कारण यह है कि इसमें पाया जाने वाला एल्कलॉइड हा इपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को निय ंत्रित करने का काम करने में सक्षम है। इसलिये ए मखाने का सेवन करना उचित रहता है।
मखाने का सेवन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा, यह मधुमेह और बढ़ते वजन को भी नियंत् रित करता है। वहीं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे को हृदय रो ग का जोखिम कारक माना जाता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि मखाने का सेवन इन समस्याओं से बचाव कर इनसे होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही कमल का बीज यानी मखाना कार्डियोवस्कुलर रोग (हृदय संबंधी) से बचाव का काम करता है।
मखाने में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है । 100 Minuten vor 10.71 Minuten ाता है । इसलिये कमी को पूरा किया जा सकता है। जिससे शरीर को आवश्यक मात्रा में प्रोटीन की पू र्ति की जा सकती है। प्रोटीन की कमी से होने वाली कई समस्याओं से भी आ राम मिल सकता है।
गर्भावस्था में मखाना का सेवन करना फायदेमंद हो ता है। गर्भावस्था में महिलाओं के लिये मखाने का उपयोग कई प्रकार के पकवानों में मिलाकर किया जाता है। मखाने का उपयोग गर्भावस्था के दौरान और प्रसव क े बाद की होने वाली कमजोरियों को दूर करने के लिए क िया जाता है। इसके अलावा, इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे क आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पो षक तत्व होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं।
कई कारणों से कान के दर्द की समस्या हो जाती है। ये बीमारी बच्चों में ज्यादातर देखा जाता है। कान के दर्द से राहत पाने के लिये मखाना के बीज क ा प्रयोग कर सकते हैं। मखाना के बीजों को पानी में उबालकर काढ़ा जैसा ब ना लें। इस काढ़ा को एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द कम होता है।
गठिया आज एक आम बीमारी बन गई है। गठिया के कारण शरीर के जोड़ों, जैसे- पैर और हाथ आ दि अंगों में बहुत दर्द होता है। मखाना के गुण से आप लाभ ले सकते हैं। इसके लिये मखाना पेड़ के पत्तों को पीसकर दर्द व ाले जगह पर लगाये। इससे आराम मिलता है।
सूखे मेवे सेहत के लिये उतने ही जरूरी हैं जितने की अन्य खाद्य पदार्थ होते हैं। इसलिये जब भी किसी की सेहत थोड़ी सी भी गड़बड़ हो ती है तो लोग फल और हरी सब्जियों के अलावा ड्राई फ ्रूट्स भी खाते हैं, रिकवरी के लिये। हम सब यह जानते है कि ड्राई फ्रूट्स का नियमित से वन हमारे स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है। माखने का सेवन सभी उम्र, वर्ग के व्यक्तियों के ल िये फायदेमंद होता है। मखाने से जुड़े यह सारे महत्वपूर्ण व लाभकारी त थ्य जाने के बाद , क्यों न हम मखाने को अपने आहार मे ं शामिल करें और अपना जीवन स्वस्थ और आनन्द युक् त बनाये।
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,