" नवग्ह हैं- " किसी-किसी ग्ह का कुप्भाव तो इतना अधिक होता है, कि व्यक्ति राजा से ंक बन जाता है। " " ".
" 'छान्दोग्योपनिषद' में एक स्थान पप ग्हों के पूजन के विषय विव विव विव प प्राप्त होता है, वहां पप स्पष्ट है, जिस देवत या देवीा पूजन पूजनकककककनन क क कका है है है है है क क क क क कना है है है है है कना है है हैsal है है क क क कना है है है है क क क क कsprech है है क क क क कika है है क क क कika है है क क कika उनके मण्डल में विभिन्न देवता कौन-कौन से हैं? यह जानना आवश्यक है। " " उसका कोई निदान भी नही होता है, इसीलिये ग्रंथों में कहा गया है, कि सामान्य पूजन भी हो, तो उसे पूर्ण विधि-विधान से ही सम्पन्न करना चाहिये अन्यथा उनका प्रभाव व्यर्थ ही जाता है या फिर साधना विधि स्वयं गुरू से प्राप्त हुई हो, तो वह पूजन या साधना सफल होती है।
" "
Gott- . भगवान शिव के विशेष स्वरूप को ईश्वर कहते हैं। वेदों में इन्हें विशुद्ध ज्ञानस्वरूप बताया ग या " इनके स्वरूप का ध्यान इस प्रकार से करें-
Der Kopf und Hals des Schwans ist die Höhle aller Lebewesen.
Dieser Höchste Herr ist alles durchdringend und daher ist Shiva alles durchdringend.
Nein- भगवती उमा द्वितीय ग्ह चन्द्र ग्ह की अधिदेवता मानी गई हैं।।।।। अधिदेवत अधिदेवता मानी गई। उमा को पराशक्ति कहा गया है। उमा पार्वती का ही स्वरूप है। ऋषि श्रेष्ठ भगवती उमा का ध्यान इस प्रकार करते ह-ै
Der Achsfaden, der Lotus, der Spiegel und der Wassertopf.
Uma trägt sie in ihren Händen und sie werden sogar von den Göttern verehrt.
Skanda Devata- मंगल ग्रह के अधिदेवता स्कन्द कुमार है। " इसी से इन्हें स्कन्द कुमार कहते हैं। इनके स्वरूप का ध्यान वर्णन इस प्रकार है
Der junge Mann hat sechs Gesichter und ist mit einem Pfauenstück geschmückt.
Der Gott ist rot gekleidet und trägt einen großen Pfau.
und ein Huhn und eine Glocke in seiner rechten Hand.
पताका वैजयन्ती स्याच्छक्ति कार्या च वामयोः। ।
Vishnu– विष्णु को बुध ग्रह का अधिदेवता माना गया है। पुपुाणों में विष्णु को सभी देवताओं से श्ेष्ठ माना जाता है।।। . विष्णु को पालनकर्ता माना गया है। इनका ध्यान इस प्रकार है-
यस्तं विश्वमनाद्यान्तमाघं ि
सर्वज्ञमगलंविष्णुः सदा घ्यानाद् विमुच्यते।।
Brahma– ब्रह्मा बृहस्पति ग्रह के अधिदेवता है। ये विष्णु के नाभिकमल से उत्पन्न हुये हैं। इनके मुख से निरन्तर चारोंवेद उच्चरित होते रहते इनका ध्यान निम्न प्रकार से है-
चतुर्मुरवं चतुर्बाहं
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Indra– इन्द्र शुक्र ग्रह के अधिदेवता हैं। ये सन्तुष्ट हो जाने पप समस्त प्राणियों को बल, वीवी्य, धन-धान्य, समृद्धि प्दान कक क हैं हैं।।।।।। समृद समृद्धि प्दान इनकी शक्ति अपरिमित मानी गई है। इनका स्वयं का लोक है जहां ये वास करते हैं। इनका ध्यान इस प्रकार से करना चाहिये।
वज्रांकुशलसत्करम्।
Ich meditiere in meinem Herzen über Indra mit seinen tausend Augen und seinem gelben Teint.
YamaYama gilt als die vorherrschende Gottheit des Planeten Saturn. Yama ist der Sohn von Lord Surya. Er gilt auch als Gott des Todes. Der Schwerpunkt ihrer Form ist wie folgt:
पाथः संयुतमेघसन्निभतनुः प्रद्योतनस्यात्मजो, ः
पुण्यकृतां शुभावहवपुः पापीयसां दुःग
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Yama ist der Herr der Göttin der Zurückhaltung und der Herr der Heerscharen der Vorfahren und der Träger der Rute.
Ja– काल राहु ग्रह के अधिदेवता है। संसार के समस्त पदार्थों पाल का प्भाव व्याप्त होता ही है।।।। प्रत्येक प्राणी काल द्वारा ही संचालित है। -
स एव कालः भुवनस्य गोप्ता विश्वाधियः सर्वभूतेषूूतु
यस्मिन् युक्ता ब्ह्म्षयो देवताश्च तमेवं ज्ञात्वा मृत्युपाशांश्छिनन्ति ।। ।।
Chitragupt– चित्रगुप्त केतु के अधिदेवता हैं। " चित्रगुप्त का ध्यान इस प्रकार करें-
Er war in apikale Kleidung gekleidet, hatte zwei Arme und ein sanftes Aussehen
Rechts ein Stift und links dieses Blatt.
पिंगलश्मश्रुकेशाक्षं चित्रगुप्तं विभावयेत ्
"
Nidhi Shrimali