उसकी धार से विप विप दौड़ेंगे तो बस वहीं चोट है वहीं दुःख है।।। " जैसी आदतें. " " "
तामसिक गुस्सा ऐसा है कि आया तो जायेगा नहीं। " भले ही कोई कितना कहे, फिर कोई सुधार की बात नहीं।
" " " . " " अब तो जो होना हो। मम, माेंगे, मिटेंगे, खुद कीचड़ में खड़े दूस दूस दूस को घसीटक यहीं लेक लेक आयेंगे।। " बाद में भक्ति-वक्ति देख लेंगे। " इस बाधा-दौड़ में-दौड़ते-बीच-बीच में बाधाये आयेगी, उनको लांघना है।
और आगे बढ़ना और आगे बढ़ना है। " या ऐसा जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग के ऊपर पांव रखकर नृत्य कर दिया और संसार को कह दिया कि काल के सिर पर पांव रखकर भी नाचा जा सकता है, तुम्हारे अन्दर हिम्मत होनी चाहिये, तुम्हारे अन्दर संकल्प होना चाहिये।
एक बार पक्का इरादा करके चलो। " नचिकेता सीधा ही मौत के घ पहुँच पहुँच गया, ददाजा खटखटाया कि क क्या? पता लगा कि यमराज हैं ही नहीं घर पर।
तीन दिन तक प्रतीक्षा करता रहा। " की तरफ चल पडे़ कि मैं आ रहा हूँ तेरे द्वार। " एक बार कोई हिम्मत करके चल पड़े। तो फिर डरानेवाली चीज कहीं पर भी नहीं है। इसलिये संस्कृत में ऐसे कहा गया है
तब. तुम तैयार हो तो हम भी तैयार है। पहले इसलिये डरना कि अपने आपको तैयार करो। " पहले अपने आपको तोल लो।
घबघबाने की बाी आये तो यह तो है जीवन का संघसंघ्ष, इनसे भागा नहीं जा सकता। हर कठिनाई आपको तोलती है, तोलेगी जरूर। आदमी की. कह देना कि इस जगह मन नहीं लगता। कहीं और चलते हैं जहां शांति है।
" जो कुछ है आपके अन्दर ही बीमारी है। " " " अच्छा, अच्छा देगा। बुरा, बुरा देगा। अच्छे कर्म का अच्छा फल है, बुरे कर्म का बुरा फल है " " बनेंगी, जैसी आपकी भावनाये बन गईं, वैसी आपकी क्िया होगी, भाव-तत स्वभाववश, उठी भ भाव तत तत, क्िया में बदल जाती है है। " » कछुएं की गति से चलते-चलते, एक दिन कछुआ जीत जायेगात खरगोश हार जायेगा। " "
" " " जिधर जाओ एक मुसीबत नहीं, दस-दस तरह की मुसीबतें। " " बहुत ज्यादा चक्कर में पड़ गये, मामला खराब होता यराब ज्योतिष-शास्त्; " मौसम का, वाताव का, व्यक्तियों का, संगति का, भोजना, विचाों का, सबका प्भाव आपके ऊप पड़ता है है।।। पा प्भाव " " तो वह गला पकड़कर खड़ा हो गया। अब आपने थोड़ी सी ताकत दिखाई तो उसने उठाक पत्थ ही मार दिया।
" पागल आदमी था, हरकत कर गया, आप चले जा रहे हैं। आपकी गाड़ी ठीक चल रही है। बीच में कोई कट था, आप तो ठीक चले जा रहे थे। कोई रिक्शावाला एकदम मोड़ कर निकल गया।
उसे बचाने के चक्कर में गाड़ी उलट गई। " Lass es! कौन-सी चीज कैसे सामने आ जाये, किस त से से देक चली चली जाये, नहीं कहा जा सकता। " " " " "
liebe deine Mutter
Shobha Shrimali
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