" जिससे हम किसी भी गंभी विषय प सही सही नि नि नि नि नि नि नही प पाते हैं।। क्रोध हमारी निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित क्रभावित कह " ऐसे लोग ब्लड प्रेशर से पीडि़त होते हैं।
क्रोध स्वास्थ की दृष्टि से भी हानिकारक होता है। " क्रोध से मन खिन्न और तनाव में रहता है। . परिवार में भी कलह की स्थिति निर्मित होती है। " " जिससे उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता ैै
" " . " यदि व्यक्ति मन को शांत खें तो शीघ्र ही क Entwickel
Lass keine negativen Gedanken aufkommen- बहुत से किसी क का nächsten उनके मन में यह विचार आता है कि यह कार्य मैं नहीं कर पाऊंगा, मैं इस कार्य के योग्य नहीं हूं, और यही नकारात्मक विचार ऊर्जा का हनन करते हैं, जिसके कारण हम शीघ्र ही अपनी पराजय स्वीकार कर लेते हैं परिणाम स्वरूप हमें असपफ़लता ही मिलती है। जिसके कारण हम निराश व हताश हो जाते हैं। जिससे क्रोध का प्रादुर्भाव होता है।
" " अपने आप में यह समझना कि यह कार्य हमसे नहीं होगा। हमारे दिमाग को नकारात्मकता से जकड़ लेता है। फिर हमारा चिंतन नकारात्मक हो जाता है। "
Identifizieren Sie Ihr eigenes Potenzial (Potenzial)- यदि हम अपने मन, मस्तिष्क को शांत रखना चाहते हैं तो इसके लिये हमें अपने सामर्थ्य और प्रतिभा को जाग्रत करना होगा, स्वयं के लिये कुछ समय निकाल कर आत्मचिंतन करना होगा, अपनी प्रतिभा को पहचान कर परखना होगा कि ऐसा कौन सा गुण है, जिसकी "
Tun Sie immer das, was wir lieben " उतना ही काम करें जितना कि आपकी क्षमता है। " साथ ही ईर्ष्या द्वेष की भावना से दूर रहें। "
dich selbst lieben- " "
- जब हम अपने परिवार वालों व मित्रगण के साथ समय बिताते हैं तो हमारे सोचने की क्षमता व निर्णय लेने की क्षमता अच्छी रहती है, क्योंकि अगर हम अपने चाहने वालों के साथ समय व्यतीत करते हैं तो हम खुश रहते है जिससे हमारा मन-मस्तिष्क शांत रहता है। " " "
Beruhigen Sie den Geist mit Yoga " योग के साथ ही ध्यान (Meditation) का अभ्यास भी हमारे लिये अत्यन्त लाभदायक है। " " " जब भी ऐसी स्थिति आपको घे घे तो आप अपने को शांत क क के लिये लिये लिये लिये (Meditation) को अपना सकते हैं। इसके लिये सबसे पहले कोई शांत जगह देखे जहां आपको भी भी भी Verteilen "
" " इसलिये आप कार्य को शान्ति और धैर्य के साथ ि " "
अपने व्यक्तित्व में आये प पप आप आप आप की ख ख्याति भी समाज मित्ों औऔ पपिवार में ऐसा ही मित्भ वsprechend प्तित्तित प आपा निा निा निा निककellt क्रोध पर विजय पाने की अनेकों उपाय प्रचलित है।
Aber wenn wir unsere eigene Wut oder die anderer kontrollieren wollen, dann sollten wir unsere Rede mit Sanftheit füllen und mitten im Gespräch weiterhin das Guru-Mantra, das Gayatri-Mantra, singen, wodurch die Ursache der Wut kontrolliert und die Arbeit erledigt wird .
deine liebe Mutter
Shobha Shrimali ji
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,