"
तुलसी का भारतीय संस्कृति में पवित्र स्थान है। यह हिन्दू धर्म में पूज्य मानी जाती है। देव पूजन में इसको श्रेष्ठ स्थान दिया जाता है। इसे घर में लगाना शुभ माना जाता है। " धार्मिक कार्यों, प्साद, पंचामृत आदि में की पत पत्तियों को विशेष महत्ता दी जाती है।।।। विशेष महत missbraucht " "
तुलसी एक अत्यन्त उपयोगी औषधि भी है। धार्मिक दृष्टि से ही नहीं व व व व व व अद अद अद दृष भी अद अद्वितीय है। " ोग निवाण की दृष्टि से यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी तुलसी केवल औषधि ही नहीं नहीं वव् महा औषधि, अमृत है।। "
" जैसे खाँसी, जुकाम, ज्व, पेट दद्द, सिसिददfluss, गले एवं नाक का दद्द, वमन, दस्त, च~ हो हो हो हो ज ज ज ज मुह हैं हैं हैं हैं।।।।। ोग ोग सेवन ही दू हो ज ज ज हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं।।।।।। ोग ोग इसके से दू हो ज ज ज मुह हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं।।। ोग ोग इसके से दू हो ज ज मुहाँसे हैं। ोग ोग इसके से दू हो ज जाते हैं आदि ोग ोग इसके से दू च ज जाते हैं आदि ोग ोग इसके से दू हो ज जा मुह मुह आदि ोग ोग इसके ही दू हो ज जanis
तुलसी. " यह अत्यन्त घरेलू वनस्पति है। " इसकी डालियां उंगली के बराबर मोटी होती है। इसके उपयोगी अंग पत्ते, बीज एवं लकड़ी हैं।
इसे संस्कृत, हिन्दी, बंगाली, माठी, गुजगुज, तैलिंगी सभी में तुलसी कहते हैं।।।।।। " इसका रस सर्वोत्तम होने के कारण इसे सुरसा भी कहा कहा सुरसा चूंकि यह आसानी से हर जगह उपलब्ध होती है। अतः इसे सुलभा भी कहा जाता है। गुणधर्म-तुलसी के बीज स्निग्ध एवं शीतल होते हैं।
यह कृमिनाशक, कफ, वातशामक, दीपन, पाचन, हृदय हितक हितक, विषहविषह, स्मृतिवद्धक होते हैं।।।। इसके. यह सभी प्रकार के रोगों में लाभप्रद है।
Malaria-तुलसी का रस अत्यन्त हितकारी है। तुलसी की 2-4 पत्तियां काली मिर्च के साथ पीसकर पिलाने या उबालकर सेवन कराने से मलेरिया रोग से बचाव होता है। "
Vamana (Erbrechen) – तुलसी की पत्तियों को इलायची के साथ चूसने उल्टी बंद हो जाती है।।।
mandagni- "
Verdauungsstörungen तुलसी अजीर्ण में भी लाभप्रद है। "
Säure- "
Durchfall- तुलसी दस्त बन्द करने में भी प्रभावी है। "
Ruhr "
Bauchkolik "
Luftstörungen "
Hämorrhoiden-"
Augenkrankheit- "
Ohrenkrankheiten तुलसी कर्ण रोगों में भी प्रभावी है। "
Nasenkrankheit- "
Bei Zahnerkrankungen" दंतरोगों को दूर करने में भी यह प्रभावी है। इसके कुल्ला करने से दाँतों के कीड़े भी मर जाते है ही
Wunde Stellen im Mund- तुलसी व चमेली की पत्तियाँ चबाने से मुँह छालों में लाभ होता है।।।
Erkrankungen des Kopfes "
Herz-Booster "
Schluckauf- "
अतः इस प्रकार तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर है। इससे अनेक संक्रामक रोगों से स्वतः रक्षा होती हैहैा
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