" " हर समय दुविधा में विचार करता है। कि यह कार्य मुझसे होगा या नहीं होगा। "
" " जिनका अवचेतन मन कुछ क्षण मात्र में ही चैतन्य हो जाता है ऐसे व्यक्ति समाज में कुछ कर दिखाने की क्षमता रखते है और वे व्यक्ति मानसिक तौर पर संबल होते है, और जीवन की हर परिस्थिति का सामना करते हुये अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है ।
ऐसे व्यक्ति विपविप पप्थितियों में भी दूस दूस का मार्गद्शन कक में सक्षम होते है।।। "
दुःख औ सुख जीवन के दो पहिये होते है केवल से या सुख जीवन जीवन नहीं नहीं सकता। अगर हम सुख की कामना करते है तो दुःख भोगना ही पड़ त " "
और इस हेतु मानसिक तौर पर मजबूत व्यक्ति कभी कुछ समस्या हो जाने पर अपनी परिस्थितियों से घबराता नहीं है वरन द्विगुण उत्साह और शक्ति के साथ परिस्थितियों का मुकाबला करते है और अपनी जिम्मेदारी से भागने के बजाय उसे अच्छे से समझता है और उसे निभाने की कोशिश करता है। वो जानता है कि जिंदगी हमेशा एक जैसी नहीं रहती हैी कभी-कभी ऐसे डाउनफॉल आते ही है। ऐसी परिस्थितियों से हमें सीख मिलती है। हम मानसिक रूप से भी परिपक्व हो जाते है।
मानसिक शक्ति से सम्पन्न व्यक्ति विशेष ूप से स स्वतंत्ता हह पपप्थिति में बनाये खते है।।। क्योंकि परतंत्रता के रूप में वह व्यक्ति रहता ही ही ही " " " " ऐसे मानसिक शक्ति सम्पन्न व्यक्ति अपने भावनाओं को पूर्ण रूप से नियंत्रण में रखते हुये अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते रहते है।
एक बात तो ह कोई ज जानता है एक समय प आप ह ह किसी को खुश नहीं ख सकते सकते।। मानसिक क्षमता संबन्ध व्यक्ति इस बात को पालन भी को पालन भी क " " ऐसे व्यक्ति अपनी सभी मनोकामनायें पूपू्ण होने के बाद भी अभाव से पीडि़त हते है है।।।। भी भी अभाव
" वरन जिसको जरूरी है उसके लिये जीवन में कुछ करना उसी नियम को सही मानते हुये कर्म करते रहते है और किसी की निंदा या अपवाद वाक्यों से पीडि़त होते नहीं है और हमेशा हर माहौल में अपने आप को खुश रखना जानते है।
begrüße die Veränderung
" " " "
" " " उन्हें पता होता है कि परिवर्तन हमेशा कुछ नया ला ह
आज कोई व्यक्ति नका nächsten पाप के लिये प्रयश्चित है, प्रायश्चित क से से पाप से मुक्ति हो जाती है।।। " " " " वो गलतियों से दू हो क क आगे भविष भविष्य के बाे में सोचते हैं।।।
Lernen Sie die Kunst, im Leid Glück zu finden
" जब व्यक्ति सद्कक्म में प्वृत्त हो जाता है सुख मिलत मिलत मिलत मिलत है औ जब व्यक्ति अनैतिक प पाप के कक्म में्वृतografen सुख औ दुःख जीवन के दो पहलू है जीवन में दुःख से सुख निकालने की कला सिखनी चाहिये। जैसे कमल कीचड़ में पैदा होता है। वैसे ही सुख भी दुःख के कीचड़ में पैदा होता है।
" हम प्रत्येक घटना को धर्म से जोड़ते है। " " वह व्यक्ति बाहह दुनिया से होक होक आन्त शक्ति जाग का मार्ग है अsal थ।।। क का प्मुख काण यह भी है।।।।।।। का प्मुख काण यह है है।।।।।। का प्मुख काण यह है है।।।।।। का प्मुख काण यह है है।।।।। का प्मुख काण यह है है।।।। ।ा प्मुख क अ भी है है।।।।। का पार यह भी है।।।। का प्मुख काण यह है है।
Vertrauen ist das größte Kapital
वह व्यक्ति शांति से जीवन जी सकता है शक्ति होती है।।। " "
" " का जीवन में होना बहुत जरूरी है। जिस व्यक्ति में शक्ति नहीं है। जो व्यक्ति मानसिक कमजो है वह वह शांति से जीवन नहीं सकत सकता। वह दूसरों की बात से स्वयं को बचा सके यह संभव नहीं नहीं शक्तिशाली वही होता है जिसे स्वयं पर भरोसा हो।
um unser Selbstvertrauen zu stärken
नि~ पात प्यास कक हन हना चाहिये उपान सिद्धान्तों को में अपन अपनाक, महापु के जीवन से प प प प प प प पschieden भल प प प संकलchte क भल संकल संकलchte क भल संकलchte भल संकल संकलchte भल संकल संकलchte भल संकल संकलchte भल संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम भल संकल संकलchte सम संकल संकलchte सम भल संकलchte सम भल संकलchte सम भल संकलchte योग, प्राणायाम, मंत्र जप साधनायें आदि मानसिक बल को बढ़ाने में अत्यधिक सहायक होते है।।।।। को बढ़ बढ़ाने में्यधिक सह होते है।।।। को को को को को को को को को को को को को को बढ़ बढ़iel
Nidhi Shrimali
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