" " ठंड के समय पाचन शक्ति अच्छी हती है औ भूख भी खुलक खुलक लगती है।।।।
. सर्दियों में न सिर्फ गोंद के लड्डू शरीर को बीमारियों से बचाएं रखते हैं बल्कि ये शरीर को नियमित तापमान में बनाए रखता है, इस लड्डू में पड़ने वाले चमत्कारी जड़ी बूटियां जैसे कालीमिर्च, सौंठ, अश्वगंधा और बूरा, पीपल शरीर को बिमारियों से बचाने के साथ मस्तिष्क को तेज बनाने में सहायक होता है।
" आज हम. पौष्टिक होता है। "
" " इसे अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है। " इन.
" इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते है।।।
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आम की गोंद स्तंभक एंव रक्त प्रसादक है। " "
सेमल का गोंद मोचरस कहलाता है, यह पित्त का शमा कर ह " " दंत मंजन में मोचरस का प्रयोग किया जाता है।
हींग भी एक गोंद. फेरूला कुल में ही गाजर भी आती है।
हींग दो किस्म की होती एक प पानी में होती है जबकि दूस दूस दूस तेल में।।। " " इस अवधि में लगभग एक किलोग्राम रेजि़न निकलता है। हवा के संपर्क में आकर यह सख्त हो जाता है।
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" बबूल का गोंद- बबूल गोंद को इंग्लिश में अकेसिया (Akazie) कहा जाता है। अकेसिया का अर्थ अरबी में गोंद ही होता है। यह गोंद बबूल के पेड़ के तनों और शाखाओं से निकलता ैै " "
बबूल गोंद के फायदे- " "
" इससे नसें और आंत ब्लॉक होने से बचेंगी। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसको खाया भी जा सकता है और लगाया भी। "
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सुबह-सुबह गोंद के 1-2 लड्डू खाक दूध पीने श श श में ोग प प्तिति क्षमता बढ़ती है।।।।
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" यह सर्दी के मौसम में शरीर में ऊर्जा बनाए रखता हैा "
" इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबfluss पेट की समस्या दूर होती है। "
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