" महानवमी को सिद्धिदात्री दुर्गा जी का आवाहन किया जाता है, जो परम वैष्नवी, करूणामयी सिद्धिदायिनी स्वरूप है, भक्तों के सभी कार्य सिद्ध करने वाली है, सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण करती है और उनको सभी ऋषि देवता, गर्न्धव सिद्ध यक्ष और असुर भी उनकी आराधना करते रहते हैं। भगवती दुsal " " "
" और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता।
साधना सामग्ी-
इस साधना में पवित्ता, नियम संयम संयम तथा ब्हह्यय का विशेष महत्व है।।। प्रतिपदा से नवमी तक 9 दिवसीय साधना है। " अपने सामने लकड़ी के बाजोट पर लाल-पीला वस्त्र बिथयि " नवमी शक्ति चैतन्य माला को 3 घेा कक यंत्र के गोलाकार भाव में खें खें खें।। " " पवित्री करण करें-
"
ऊँ अपवित्रः पवित्रे वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाहृाभ्यन्तरः शुचिु
Halte Akshat und Pushpa unter dem Aasan.
Nicht wahr! त्वया धृता लोका देवि! त्वं विष्णुना धृता।
Und du hältst mich, Göttin! Mache den Sitz heilig.
Treffen Sie einen Vorsatz, indem Sie Wasser in Ihre rechte Hand nehmen.
ऊँ विष्णु र्विष्णु र्विष्णुः भारतवर्षे (अपना गांव, जिला का नाम उच्चारण करें) im Jahr 2078 ासि नवरात्रि समये शुक्ल पक्षे अमुकतिथौ(तिथी का उच्चारण करें) अमुक वासरे(वार का उच्चारण करें), न िखिल गोत्रेत्पन्न, अमुकदेव शर्मा(अपना नाम उच्च ारण करें) Ja, das ist nicht der Fall रणार्थं, धर्म अर्थ काम मोक्ष चतुर्बिध पुरूषार् थ सिध्यर्थं, शृति-स्मृति पुराणोक्त फल प्राप्त श्री गुरू कुलदेवता इष ्टदेवता प्रीत्यर्थं, श्री नवदुर्गा ललिता सिद् धिदात्री महानवमी शक्ति चेतना प्रात्यर्थं दुर ्गतिनाशिनी नवदुर्गा महानवमी साधना कर्माहम कर िष्ये।
(Im Wasserland hinterlassen)
Mit Akshat, Kumkum und Blumen in der Hand –
OM HRIM GAM GANAPATIYE NAMAH.
(5 बार उच्चारण करें और सिद्धि चक्र के ऊपर अर्पित के)
Mit Akshat, Kumkum und Blumen in der Hand –
OM HRIM BHAM BHOURAYA NAMAH.
(5 बार उच्चारण करें और लघु नारियल के ऊपर अर्पित कं)
"
,
या धूम्रेक्षणचण्डमुण्ड मथिनी या रक्तबीजाशनी ।
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सा देवीनवकोटी मूर्ति सहिता मम पातु विश्वेश्वरी
नवदुनवदु्गा जगदम्बा यंत्र को निम्न मंत्र पढ़कपढ़क कुंकुम से से से से से से निम निम्न
9 Monate (3 Tage 3-3 Tage),
"
ऊँ ह्ीं कुश्माण्डा, ऊँ ह्ीं स्कंधमाता, ऊँ ह्ीं कात्ययनि,,
"
यंत्र के ऊपर चन्दन, पुष्प, अक्षत अर्पित करें। प्रसाद अर्पित करें, फल चढायें 2 आचमन जल अर्पित करत नवमी शक्ति चैतन्य माला को हाथ में म माला के सुमे सुमे में कुंकुम कुंकुम पुष्प औ औ आचमन जल अ अ अ अअ कक क क।।।। पुष औ औ औ औ औ के क क क पुष पुषपुष औ bez. 1
"
ऊँ गुह्यति गुह्यगोप्त्र त्वं गृहाण् अस्मम् कृज कृज
Alles klar! त्वत प्रसादान् महेश्वरी।।
Führen Sie Jagdamba Aarti, Guru Aarti durch.
हाथ में पुष्प लेकर क्षमा प्रि
Ohne Mantra, ohne Tat, ohne Hingabe, oh Göttin der Götter.
Was ich angebetet habe, oh Göttin! Möge das perfekt für mich sein.
Oh Verheißungsvoller aller Glückverheißungen, oh Verheißungsvoller, oh Vollstrecker aller Ziele.
Oh Beschützer der drei Welten, oh Gauri, oh Narayani, ich bringe dir meine Ehrerbietungen dar.
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गुरूः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरूवे नमं
इसी साधना को प्ति दिन नव नव नवनवात्ि में प्रतः उषा से्या (5 से 7 घंटा) समय सम सम्पन्न ककक।। " "
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,