" तुम मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा। " . "
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" " " भवन सर्व सुख सुविधाओंमय हों। " "
" " गले में तीव्र विषधारी कोबरा नाग है। पदम् और पिंगल रूपी सांप उनके कानों के कुण्डल हैं केवल धनंजय उनके हाथों के कडे़ हैं। " " "
" बादल हमसे नीचे होंगे और हम बादलों के ऊपर ंकाश मेेत " "
मूल ूप से शिव पार्वती का युगल सsprechung भगवान शिव अविनाशी एवम् अनन्त हैं औ पार्वती द्वार अपने-अलग जन जन्मों में-अलग ूपों में जन जन्म की कथा पुपुाणों में आती है है।।।।। जन जनsprechung " " यह अभिषेक पंच द्रव्य मिश्रित जल द्वारा किया जा ह
यह बात सर्वथा सत्य है कि स्त्रियों द्वारा गौर ी व्रत, सोमवार व्रत, शिव पूजन तथा पुरूषों के द्वा रा श्रावण मास मे अभिषेक साधना शिव पार्वती के पू जा के स्वरूप में किया जाता है, जिससे कि हमारा जी वन भी भगवान शिव-पार्वती स्वरूप रस, प्रेम, आनन्द के साथ व्यतीत होता है।
श्रावण मास में शिव-गौरी लक्ष्मी से सम्बन्धित अवश्य ही साधना संपन्न करनी ही चाहिये क्योंकि इस समय शिव व पार्वती कैलाश पर्वत से गगन मण्डल में बादलों के ऊपर से सीधे पृथ्वी की और दृष्टिपात करते हुए लौकिक प्राणियों पर तथा जीव जन्तु वनस्पति इत्यादि पर अपनी कृपा रूपी क्रियाये बरसाते रहते है। "
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" नियमित.
Mahadev Kuber Dhan Lakshmi Sadhna
जीवन में श्रेष्ठता तो तभी संभव है, जब व्यक्ति का समाज में वर्चस्व हो, जहां उसकी बातों को ध्यान पूर्वक सुना जाता है, सम्मान पूर्वक ग्रहण किया जाता हो और धन, ऐश्वर्य से भी सम्पन्न हो, क्योंकि धन और सम्मान आदि आज के भौतिक जीवन में महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है। " "
" इस साधना से साधक अतुलनीय धनवान, ऐश्वर्यवान और वैभवशाली होता है और लक्ष्मी अपने 'श्री' स्वरूप में भगवान शिव के साथ अखण्ड रूप से विद्यमान होती है और सांसारिक जीवन की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिये क्रियाशील बनाये रखती है। यह पंच दिवसीय साधना किसी भी सोमवार को स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें, उसके पश्चात् महादेव कुबेर लक्ष्मी यंत्र व सदाशिव जीवट स्थापित कर निम्न मंत्र 3 माला मंत्र जप अष्ट लक्ष्मी माला से सम्पन्न करे-
साधना समाप्ति के बाद सभी सामग्री को किसी मंदि र या गुरू चरणों में अर्पित करे।
Das ist nicht der Fall
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योगीश्वर, गुरोस्वामिन्, दैशिक,
Trahi trahi kripa sindho, Narayana paratpara.
Meditiere über Ganapati-
विघ्नराज नमस्तेस्तु पार्वती,
Oh Herr, Zerstörer aller Hindernisse, nimm mich mit duftenden Blumen und ungebrochenen Körnern an
सामने थाली पर कुंकुंम से ॐ व स्वस्तिक बनाये। " दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प करें-
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जल को भूमि पर छोड़े व महामृत्युंजय शिव का ध्यकन शिव का ध्यकन पर
Mrityunjaya Mahadeva, der Geber allen Glücks
Oh Herr der drei Welten, das Alter ist der Einzige, der gebiert.
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Das Glück des Haushälters erhöht die Sadhana
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" दिन-प्तिदिन स्थितियां भयावह हो ही है है वासना युक्त कार्यो में संलिप्तता बढ़ती ही जा ही है जिससे अनेक अनेक गृहस गृहस्थ जीवन होने स सsal में चुके है है।।। गृहस गृहस गृहस्थ जीवन होने स सsal में चुके है है।।। गृहस गृहस गृहस्थ जीवन होने स स में पहुँच चुके है।।।। गृहस गृहस गृहसsprechung " ही छत के नीचे जिन्दगिया अलग-अलग रास्ते अपना लेती "
यह साधना गृहस्थ जीवन को सुदृढ़ता, प्रेम, सद्-व्यवहार, सम्मान, अपनापन, सौभाग्य से पूर्ण होने की आंकाक्षा रखती हैं, साथ ही जो अपने गृहस्थ को सुचारू रूप से व्यतीत कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान में अपना जीवन सुरक्षित करना भी अत्यन्त आवश्यक है, साथ ही पति का दीदी्घायु जीवन स्त्ी के लिये सबसे बड़ा ववान है।।।
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Ich bin Shiva, der Zerstörer allen Übels, Sadhana
" " जीवन तो सभी व्यक्ति जीते लेकिन लेकिन भाग्य का संयोग के के साथ नहीं बनता। " " जीवन में धन, स्वास्थ्य, पारिवारिक सुख, शत्रु बाधा निवारण, समाज में सम्मान, संतान सुख स्वरूप अनेकों कामना पूर्ति का भाव रहता है।
" इस साधना में माता गौरी को आधार बनाकर सर्व दुर्गति नाशिनी की क्रिया पूर्ण की जाती है जो अपने वरदायिनी स्वरूप में जीवन को धन, ऐश्वर्य, सुख-सम्पन्नता, संतान सुख, कार्य व्यापार वृद्धिमय चेतना से आप्लावित करती है। "
श्रावण मास के सोमवार को स्नानादि से निवृत सर् व दुर्गति नाशक रूद्र यंत्र व शिवोहम् जीवट स्थाप , , , जीवट का पंचोपचार पूजन सम्पन्न कर संकल्प लेकर न िम्न मंत्र का सौभाग्य चेतन्य माला से 7 माला जप सम ्पन्न करें।
मंत्र जप समाप्ति के बाद गुरू व शिव आरती ि " "
Mahakal Shiva-Gauri Sahastra Lakshmi Deeksha
" " " " " वे भूत वर्तमान और भविष्य के नियन्ता है। भगवान शिव एक मात्र ऐसे देव है। "
श्रावण मास सांसारिक गृहस्थ जीवन में अखण्ड सुहाग व संतान सुख की वृद्धि हेतु पूजन और अभिषेक करते है साथ ही युवतियां संस्कारित, सुन्दर, बलिष्ट कामदेव अनंग शक्ति युक्त वर प्राप्ति के लिये भगवान शिव और माता गौरी की आराधना करती है। " सूर्य शक्ति युक्त रविवार से प्रारम्भ होकर पुनः सूर्य तेजस्वितामय रविवार को ही सम्पन्न हो रहे श्रावण मास में महाकाल शिव-गौरी अष्ट लक्ष्मी दीक्षा आत्मसात् करने से निश्चिंत रूप से जीवन में प्राप्त हो रहे अन्धकारमय स्थितियां, संघर्ष, कठिनाईयां ,तंत्र दोष, प्रेत, पिशाच "
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,