संस्कार, आस्था एवं परम्पराओं से नारी का अटूट रिश " पाश्चात्य संस्कृति से प्भावित होते भी वह अपने पु पु पु पु ीति ीति ीति-िवाजों, लोक-पपम्पओं औऔ आदआदशोंfluss " "
" " नारियों को त्योहार, उत्सव, पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है और ये मांगलिक अवसर किसी विशेष लक्ष्य, उद्देश्य को लेकर ही बने है, जिनमें नारी के हर रूपो, सम्बन्धों को समाहित होते देखा जाता है। "
करवा चौथ सुहागिनों का सबसे प्रिय व्रत है। " " " पौपौाणिक कथाओं के अनुसार पत्नी का संसार पति की सेवा में अनुअनु्त हना है।।। इसी को पतिव्रता पत्नी कहा गया है।
" हृदय तो बस एक ही बार चढ़ाया जाता है। जो हृदय निर्मल हो चुका उसे लौटाया कैसे जाये? "
" सावित्री ने कहा मै भी साथ चलूंगी। वह साथ जाती है। " सावित्री पति का सिर अपनी गोद में रखकर पृथ्वी पी बर पृथ्वी
" " पतिव्रता सावित्री भी उसी दिशा को जाने लगती है। " यम मना करते रहें और सावित्री पीछे-पीछे चलती गयीे " कहा। " औऔ कहा- "
यमaz को जीतक जीतक पति मृत देह को जीवित क लौटा लाना, भातीय पतिव्ता धध्मपायण देवियों लिये ही समsal था।।।। था। " "
" करवा चौथ पर महिलायें हाथों में मेंहदी रचाती हैंी "
समय के अनुरूप आज की नारी में भी परिवर्तन XNUMXुआ आज. सामाजिक, बौद्धिक, पािवािक जिम्मेदाियों में अपने पति पति का पूβ पू सहयोग क क है है।।।। पति क का पू पू पू पू पू पू पू पू पू पू पू पू पू पू क है।।।।। अपने पति क का पू पू क है है।।। पति पति का पू सहयोग क है।।।।।।।।।।। पति क का पूपू क क है।।।।। पति क कika " एक-दूसदूस के लिये त्याग, प्ेम, श्ेष्ठ विचार, वाणी, संयम ही गृहस गृहस्थ जीवन मजबूत नींव खी खी जा सकती है।।।।।।।। गृहस गृहस गृहस्थ जीवन मजबूत नींव ज ज सकती सकती।।।।।। गृहस गृहस गृहस्थ जीवन नींव ज ज है।।।।।।।।।।।।। गृहस गृहस गृहस्थ " वह तो बहुत घृणित, पाप-दोषों से युक्त, पशु्य ही कहा सकता सकता है। ये किसी भी दृष्टि से भारतीय संस्कृति का भाग नह ीं आर्य संस्कृति में इसका कहीं भी वर्णन नहीं मिलेग
सहानुभूति गृहस्थ के लिये आवा पति-पत्नी एक-दूसरे के सुख, दुःख के सहज संगी है। सहनशीलता भी गृहस्थ के लिये आवश्यक है। " उस समय उसको सह लेना ही श्रेयस्कर है। " " सहनशीलता में अहिंसा, अक्ोध, शांति, धृतिा क्षमा की भाव की सम्मिलित है।।।।। कीाव "
" आसुरी पथ तो यहां अधिकाधिक मात्र में हैं। " "
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,