Planetendefekt
इसमें. " " " "
इतिहास गवाह हैं कि जब नल राजा पर शनि का प्रकोप आया तो उसे दमयन्ती जैसी पतिव्रता स्त्री ने अपने पति को त्याग दिया, जब रावण पर शनि का प्रकोप आया तो रावण जैसे उच्चकोटि के तांत्रिक और विद्वान का भी पूरा परिवार बर्बाद हो गया और वह समाप्त " लिए वनवास के रूप में मजबूर होना पड़ा, पत्नी से बिछोह सहन करना पड़ा, शत्रुओं के हाथों में पत्नी उपेक्षित सी पड़ी रही और एक प्रकार से देखा जाये तो राम का पूरा यौवनकाल उस शनि के प्रभाव से बर्बाद हो गया, जब श्रीकृष्ण पर शनि का "
ये तो बहुत थोड़े उदाहराण हैं। " , "
väterlicher Defekt
" हमारे माता-पिता, बड़ा भाई या अन्य कोई सम्बन्धी जब अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है या मृत्यु के बाद भी उसकी इच्छायें-भावनायें बनी रहती हैं तो वे उन इच्छाओं की पूर्ति के लिये अपने सम्बन्धियों को यातना, दुःख और कष्ट देकर अपनी बात मनवाने का प्रयत्न करते हैं। जीवन में पितृदोष की. ही नहीं पूरे परिवार का वातावरण दूषित हो जाता हैो "
Krankheitsdefekt
कभी-कभी घ में ऐसी बीम बीमाी घ क क जाती हैं घ क का कोई कोई कोई सदस्य बीमार बना ही हत में है औ क काफी बड़ है की चिकितsalस में व व हो होाता है है है चिकित चिकितsal स वsprechend होाता है है है चिकित चिकितsal स वsal होाता है है है चिकित चिकितsal स वsal होाता है है लोगों चिकित चिकितspreches में व होाता है है है की चिकितsal स व हो जाता है है है की चिकित चिकितsprechungswissen " " "
Papamochani Shani Sadhana
" अमावस्या हो तो उपउप्त समस्याओं के समाधान हेतु प्त्येक साधक को इस मुहूमुहू्त का औ इस दिन क का पूपूण लाभ उठाना चाहिये।। का पूपू्ण लानन चाहिये।। का पूपूपू लाना चाहिये।। का पू कोाभ चlässig "
साधना समाग्ी-इसके लिये कोई विशेष साधना उपकउपक की आवश्यकता नहीं होती है।। " "
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सबसे.
" " " " " ऐसा उच्चारण कर जल जमीन पर छोड़ दें।
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Aneignung
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" जिससे उसके जीवन में आ रही बाधायें दूर हो सकें।
दूसरे दिन सुबह उठकर साधक को चाहिये कि वह सात कु वारी छोटी बालिकाओं तथा एक छोटे बालक का पूजन कर उन्हें भोजन करायें और भोजनोपरान्त उन्हें यथा स म्भव दक्षिणा दें, भोजन में केवल बेसन के लड्डू ही दें, इसके अलावा अन्य किसी प्रकार का भोजन न दें। इस प्रकार यह सम्पूर्ण विधान सम्पन्न करने के ब ाद आपके जीवन में कई प्रकार की समस्याओं, बाधाओं, अ साध्य रोगों की समाप्ति शनैः शनैः होकर अनुकूलत ा प्राप्त होती ही है तथा किसी भी प्रकार की ग्रह ब ाधा Nein
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