यह चिन्तन किसी पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि में नहतऋ ।कऋऋ "
" जिसमें यह धाणा नहीं है, तो उसमें औ पशु में कोई अन्त नहीं है है।।।।
उस पशु जीवन से केवल गुरू ही उठा सकता हैं। मनुष्य जीवन का क्या उद्देश्य है इसे देवता भी नहीं बता सकते, क्योंकि जिन्होंने जन्म लिया ही वे इस इस म मम्म को नहीं सकते सकते।।।। ही नहीं वे इस म म म म नहीं सकते।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। नहीं वे इस म म समझ सकते।।।। ही वे इस म म म म समझ।। लिय ही ही नहीं वे इस म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म "
जो पूर्णता का चिन्तन स्पष्ट करे, उसे गुरू कहा ग यया जिस क्षण गुरू तुम्हें दीक्षा देता है, जिस क्षण वह तुम्हें अपने मुँह से शिष्य कह देता है, ठीक उसी क्षण तुम्हारा नया जन्म होता है, उसी क्षण वह ब्रह्मा बनकर तुम्हारी उत्पत्ति करता है, वही क्षण तुम्हारे जीवन का स्वर्णिम प्रभात होता है, वहीं से तुम्हारा नवजीवन शुरू होता है।
" "
मैंने तुम्हें उसी पगडण्डी पfluss "
मेरा स्वप्न यह है कि मेरे शिष्य सिद्धाश्रम की पवित्र भूमि को स्पर्श कर अपने जीवन को धन्य कर उसकी चेतना से ओतप्रोत होकर वहां के सानिध्य में तरल होकर, वहां की पावनता में पवित्र होकर, वहां की ज्योत्सना से शुभ होकर इस समाज को यह बता सकें "
Es ist obligatorisch zu erhalten Guru Diksha von Revered Gurudev, bevor er Sadhana ausführt oder einen anderen Diksha nimmt. Kontaktieren Sie bitte Kailash Siddhashram, Jodhpur bis E-Mail , Whatsapp, Telefon or Anfrage abschicken um geweihtes und Mantra-geheiligtes Sadhana-Material und weitere Anleitung zu erhalten,