सूर्य ग्रहण गुरूवार 01:42 से 06:41 कुल अवधि 04:59 समय तक
" " इसी के प्रभाव से ग्रहण काल निर्मित होता है। " उक्त साधनात्मक कiment
शनि जयन्ती शक्ति युक्त सूर्य ग्रहण पर्व पर हम अपने गुरू के ज्ञान चेतना से सूर्य की ऊर्जा अपने अन्दर समाहित कर, उस सूर्य तेजस्व गुरू आत्म ऊर्जा को अपने अन्दर समाहित कर अपने जीवन को अन्धकारमय स्वरूप अनेक कुस्थितियों को समाप्त कर सके जिससे की शनि ग्रह की "
" " " जो व्यक्ति जितना अधिक चेतनावान, सजग, जागृत होता है, वह व्यक्ति उतना ही जीवन में सुस्थितियों को आत्मसात् ककाता है है।।। सुस सुसsal " साधनात्मक ऊर्जा स्वरूप सुफल की प्राप्ति संभव हो पाती है व साधनात्मक ऊर्जा शक्ति से विषमताओ पर प्रहार कर, न्यूनताओ का शमन कर उसे भय मुक्त, अवरोध मुक्त, बाधा मुक्त जीवन प्रदान करती है। "
निरन्तर प्राप्त हो रही न्यूनतायें पुत्र-पुत् री का आज्ञाकारी न होना, पति-पत्नी में कलह, कलिष् ट रोग, मानसिक तनाव, परिवार में विरोध, निरन्तर शत् Ja, das ist nicht der Fall ारी जीवट शक्ति का बहुत बड़ा हिस्सा इस प्रकार की Es ist nicht einfach हो जाता है, हम अपने जीवन में जो कुछ नूतन सृजन करन ा चाहते हैं, उसका अंश मात्र भी प्राप्त नहीं कर प ाते और एक प्रकार से सारा जीवन हाय-तौबा, अवसाद्-न िराशा तथा मानसिक संताप में ही समाप्त हो जाता है।
मानव जीवन पर ग्रहों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। उन ग्रहों में भी शनि एक प्रबल ग्रह माना गया है। शनि जीवन की विषम स्थितियों के निर्माणकर्ता हकर े हकर े " "
अतः इस ज्येष्ठ कृष्ण पक्षीय अमावस्या तिथि युक्त रोहिणी नक्षत्र के दिवस पर शनि जयन्ती महापर्व पर निर्मित हो रहे वृहस्पति दिवस पर सूर्य ग्रहण की चेतना को आत्मसात् करने से जीवन की उपरोक्त विषमतायें सूर्य तेज के फलस्वरूप भस्म हो सकेंगी। " ग्हण की महत्ता इसलिये सsal "
" आकाश मंडल में स्थित ग्हों की गति के अनुसा≤ अतः ज्येष्ठ माह के रोहिणी नक्षत्र युक्त शनि जयन्ती पर्व पर पूर्णता से आच्छादित सूर्य ग्रहण पूर्णता से दृष्टिगोचर होगा, क्योंकि भगवान शनि सूर्य के ही पुत्र है अतः ऐसे साधनात्मक पर्व को पूर्ण चेतन्यता से आत्मसात् करे तो कोटि-कोटि गुणा सुलाभ की अवश्य ही प्राप्ति होती है।
" " अतः सद्गुरूदेव कैलाश श्रीमाली जी द्वारा उक्त विशिष्ट सूर्य ग्रहण जो की सद्गुरू पर्व पर सूर्य ग्रहण समय में साधना, पूजा, अर्चना, ध्यान, मंत्र जप अभ्यर्थना, साधना, हवन के साथ दीक्षा LIVE स्वरूप में प्रदान करेंगे। " साथ ही शनि ग्ह की महादशा का प्भाव क्षीण हो सकेगा क्योंकि यह महाप्व शनि जयन्ती तेजस्विता युक्त है।।।।। जयनsprechend "
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