भौतिक जगत का पथ फूलों की बगिया नहीं होती यह तो कांटों की पगडण्डी है।।। " " "
जबकि वही सुख वही आनन आनन्द, घ घ में की वृद वृद्धि उसे क क के केाथ-साथ आस्था भक्ति ूपी साधना से प्र्त होता ही है।।।।।।। प प्र्त होता ही है।।।।।। से पschieden प्र्त होता ही है।।।।।। से पsprechung " "
जो कि सभी के लिये फलदायी तथा पुण्यदायी है। " "
" " चूंकि 1 दिसंब को एक व व व व क का अंत के बाद 31 जनव जनव नए अंग अंग्ेजी कैलेंडकैलेंड वव्ष की शु होती होती है।। "
हालांकि हिन्दु पंचांग के मुताबिक नया साल 1 जनवजनव से शु शु नहीं नहीं होता। हिन्दु नववर्ष का आगाज चैत्र नवरात्रि से होता हैि लेकिन 1 जनवजनव को नया साल मनाना सभी धध्मों में एकताक कक क क में महत महत्वपू्ण योगदान देता है, क्योंकि इसे मिलक मिलकाते है।।।।।। कsprechung 31 दिसंबदिसंब र र र से ही स स्थानों प अलग-अलग समूहों में इकठ्ठा होक लोग नये स साल का जश्न मनाते है।।।।। नये साल का जशा मनाते है।। होक लोग नये नये स क समूहों इकठाते है।।।। लोग नये नये साल क मन मन है।।।।।।। नये साल का मनाते है।।।।।।।। नये नये नये सा अलगा इकठाते है।।।।। नये साल का जशा मनाते है।।। नये का का जश्न
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यदि व्यक्ति एक नव शिशु की भांति नववर्ष में अच्छे कर्मों को प्रविष्ट करता है, तो वह वर्ष उसके जीवन में सुख-सम्पन्नता, वैभव, आनन्द और उन्नति प्रदान करने वाला होता है, जिसके आधार पर ही वह अपने उस वर्ष में पूर्णता, श्रेष्ठता और "
तो वैसा ही दुःखी, पीडि़त, चिन्ताग्स्त, कष्टप्द जीवन उसे भुगतना पड़ता है, जो जीवन की न्यूनताओं को लिये हुये हुये नि नि नि।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। निchte "
" वाला समय खुशियों से भरा हो, मंगलमय हो, उत्सवमय होय होय यह उमंग, जोश, बल, उत्साह, आनन्द, श्रेष्ठता हमें मिल सकती है, इस नववर्ष में साधना दीक्षा के माध्यम से (नूतन वर्ष में सुकर्म करते हुये जीवन की सभी कामनाओं और श्रेष्ठताओं को पूर्णता प्रदान कर सके। आप भी अभावों-न्यूनताओं से "
माता पा nächsten " " "
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" सामने एक थाली में कुंकुंम से एक बड़ा ऊँ बनाये। " " 'शिवगौशिवगौ वैभव माला' से निम्न मंत्र की 04 माला मंत्र जप्य 7 दिनों तक सम्पन्न कβ।।
साधना समाप्ति के बाद सभी सामग्ी को किसी पवित्र जल में विस विसविस्जित ककक।।
Es müssen entsprechende Anstrengungen unternommen werden, um jede Arbeit vollständig abzuschließen, aber manchmal kommt es bei solchen Gelegenheiten auch nach dem Abschluss aller Arten von Bemühungen zu Hindernissen, und viele Aufgaben im Leben bleiben unvollständig.
" " " इसके पीछे ठोस शास्त्रीय आधार है।
प्रतिभा और ज्ञान की भी सीमा अवश्य होती है। व्यक्ति अपने प्रयत्नों से किसी भी कार्य को श्रेष्ठतम रूप से पूर्ण करते हेतु उज्जवल पक्ष की ओर विचार करता है, लेकिन उसकी बुद्धि एक सीमा से आगे नहीं दौड़ पाती, बाधाये उसकी बुद्धि एवं कार्य के विकास को रोक देती हैं और यही मूल कारण है कि हमाे शास्त्ों में पूजा, साधना उपासना को विशेष महत्त्व दिया गया है।।।।। महत महतsprechend
" " इसके पश्चात् दीपक प्ज्जवलित कक यंत्र का पूजन पुष्प अबीअबी, गुलाल, अक्षत औ मौली वस्त्र स्वूप मे चढ़ाए। विनायक पूजन में तुलसी का प्रयोग सर्वथा वर्जित ह दुर्वा (दूब) विशेष फलदायक है। इसके पश्चात् वक्तुण्ड देव को प्साद स्वव में लड्डू अअ्पित ककक।।।।। लड्डू "
साधना समाप्ति के बाद सभी सामग्ी को किसी पवित्र जलाशय में विसविस्जित कक क।।।। पवित्र जलाशय
मानव जीवन ग्हों के अधीन है, ग्हों की गति मनुष्य जीवन की गति से जुड़ी हुयी है।। " " " "
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" 14 जनवरी को प्रातः बेला में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें, पीला आसन युक्त चौकी पर नवग्रह सूर्य तेजस्वी शांति यंत्र स्थापित करें, साथ ही सूर्य संक्रान्ति तेजस और साफल्य शक्ति माला सभी का पंचोपचार पूजन कर निम्न मंत्र का 3 माला मंत्र जप करें।
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