" तब. सर्वप्रथम उसे दिखाई देता है।
" " समझना चाहिये।
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वास्तविक सत्य भी यही है कि नारी शक्ति स्वरूपा है " ।
" यही काण है कि उसके जीवन में अधिक विषमतायें बनी हुयी हैं।।। वैवाहिक जीवन में जिस सुख-समृद्धि, प्रेम, उल्लास, आनन्द, अठखेलियां, आत्मीयता, सम्मान का वर्णन किया गया है, उसका अभाव उनके जीवन में बना हुआ है, आज के पति-पत्नी को देखक लगता है, कि इनके मध्य विवाह नहीं, बल्कि एक समझौता हुआ औ उसी समझौते के अनु अनु दोनों अपने-अपने जीवन घसीट घसीट हें हें है।।। इसके कारण अनेक हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि मनोनुकूल जीवन साथी नहीि मि उसका स्वभाव, विचार एकदम भिन्न होता है। " " "
" परन्तु समय के अनुरूप मान्यतायें बदल गयी हैं। " " "
कहने का तात्प्य है कि उसकी पत्नी उसका सम्मान नहीं क क क क है।।।। समा सम्मान "
" इसीलिये महान् दिव्यतम पप्व पप कका शक्ति प्रप्ति दाम्पत्य सुख-समृद्धि वृद्धि साधना प्त्येक गृहस्थ के आवशsal है है।।।।।।। पsprechung "
" यदि वह शराब पीता हो, अर्नगल कार्यों में लिप्त हो, किसी परायी स्त्री अथवा लड़की पर आसक्त हो या अपनी पत्नी से प्रेम ना रखता हो, उससे आत्मीयता ना हो, परिवार के प्रति गैर जिम्मेदार हो, तो धीरे-धीरे उसके स्वभाव में परिवर्तन आने " बच्चों औfluss
वहीं. पपार के प्ति अपने कक्तव्यों का पालन सुचाू ूप से क क है है।।।। सुचाू
" अर्थात् हमारे मधुर सम्बन्धों की नींव है। इसलिये यह साधना प्रत्येक गृहस्थ के लिये आश्यक " साथ ही भविष्य में कष्ट, बाधा, तनाव की स्थिति की कोई संभावना नहीं हती है औऔ गृहस्थ जीवन आनन्दमय हतहता है।।।
करवा शक्ति पर्व गणपति शक्ति ऋद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ युक्त बुधवार को 04 नवम्बर को सायं 08 बजे के बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर स्त्री पूर्ण सोलह श्रृंगार कर पूजा स्थान में पूर्ण सर्व सुख प्राप्ति यंत्र, करवा शक्ति लॉकेट और सम्मोहन सावित्री वशीकरण गुटिका स्थापित करें। सभी का अक्षत, धूप, दीप, चंदन और पुष्प से पूजन करइंे यदि.
" फिर निम्न मंत्र का 25 मिनट तक जप करें।
पति-पत्नी दोनों संयुक्त ूप से साधना कक तो शीघ्र ही गृहस्थ जीवन श श्ेष्ठता आती है है।। जिससे पूर्ण आत्मीय गृहस्थ सुख की प्राप्ति होगीीी साथ ही स्त्रियों के अखण्ड सुहाग की रक्षा होती है कका चतुचतु्थी का व्त खने प अपने पति से क क कका शक्ति लॉकेट धाण कक का आग्ह कक अथवा अथवक सsal ।स साधना सम्न धधाण कक लें लें। साधना पन्न धाण कक लें लें। ।ाधना सम्न धाण कक लें लें। ।ाधना सम्न धाण कक लें लें।। साधना पनपन धाण कक लेंक लें। साधना पनपन धधाण कक लें लें। साधना पनपन धाण कक लें लें। ससा सम्पन ककाण कक लें लें। ससा सम्पन ककाण कक लें लें। साधना ” " यही क्रिया पति को भी सम्पन्न करनी चाहिये। साधना समाप्ति पप कागज को प्ज्ज्वलित दीपक जल जला दें औ सभी स सामग्ी अगले दिन में अथव अथवा मंदि में में अअ्पित क दें दें।। में में अथव अथव मंदि में में अ क दें दें।। में में में अथव मंदि मंदि में अ अ क दें।।। में में अथव अथव मंदि में अ अ क दें।। में में अथव अथव मंदि मंदि में अ क दें।। में में अथव अथव मंदि में अ क दें।। में अथव अथवा मंदि में अ क दें।। में अथव अथवा मंदि में अ क दें। दिन में अथव अथवा मंदि मंदि में अ अ दें दें. में अथव अथवा मंदि मंदि में अ अ दें दें दिन.
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